G20 Summit 2023 Updates: भारत मंडपम में क्यों लगाया गया 'कोणार्क चक्र'? जानें इसके मायने
Delhi G20 Summit 2023 शुरू होने से पहले पीएम नरेंद्र मोदी जिस जगह पर मेहमानों का स्वागत कर रहे थे, उस जगह पर पीछे 'कोणार्क चक्र' लगा था. इस चक्र ने वहां आए मेहमानों के साथ पूरे देश का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया. जानिए इसके मायने.
भारत मंडपम में क्यों लगाया गया 'कोणार्क चक्र'? जानें इसके मायने
भारत मंडपम में क्यों लगाया गया 'कोणार्क चक्र'? जानें इसके मायने
G20 Summit 2023 का पहला सत्र प्रगति मैदान के भारत मंडपम में शुरू हो चुका है. पहला सत्र One Earth है. सत्र के शुरू होने से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने भारत मंडपम में आए हर अतिथि का गर्मजोशी से स्वागत किया. जिस जगह पर वो स्वागत कर रहे थे, उस जगह पर पीछे 'कोणार्क चक्र' (Konark Chakra in Bharat Mandapam) लगा था. इस चक्र ने वहां आए मेहमानों के साथ पूरे देश का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया. आइए आपको बताते हैं कि क्या हैं इस कोणार्क चक्र के मायने.
क्या संदेश देता है कोणार्क चक्र
कोणार्क चक्र का निर्माण 13वीं शताब्दी में राजा नरसिम्हादेव-प्रथम के शासनकाल में किया गया था. ये भारत के प्राचीन ज्ञान, उन्नत सभ्यता और वास्तुशिल्प उत्कृष्टता का प्रतीक है. कोणार्क चक्र की घूमती गति...समय और कालचक्र के साथ-साथ प्रगति और निरंतर परिवर्तन का प्रतीक है. ये लोकतंत्र के पहिये के एक शक्तिशाली प्रतीक के रूप में काम करता है जो लोकतांत्रिक आदर्शों के लचीलेपन और समाज में प्रगति के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने सोशल मीडिया पर ये लिखा
कोणार्क चक्र को लेकर शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा है कि 'ओडिशा की शानदार संस्कृति और विरासत को G20 India में गौरव का स्थान मिला है. कोणार्क चक्र एक वास्तुशिल्प चमत्कार है जो समय, स्थान, निरंतरता और भविष्य की सभ्यतागत अवधारणाओं को दर्शाता है. इस चक्र के जरिए पीएम नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को भारत की विरासत और ज्ञान परंपराओं का महत्व समझाया. ये वाकई एक सुंदर दृश्य है.'
Odisha’s magnificent culture and heritage finds a place of pride at #G20India.
— Dharmendra Pradhan (@dpradhanbjp) September 9, 2023
The Konark chakra is an architectural marvel illustrating the civilisational concepts of time, space, continuity and the future.
PM @narendramodi explaining the significance of India’s heritage and… pic.twitter.com/X4esZxsi3j
योग कला को भी प्रस्तुत किया गया
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भारत मंडपम में योग मुद्रा की प्रतिमा भी लगाई गई है. इसे जरिए योग कला को प्रस्तुत किया गया है और दुनिया को ये संदेश दिया गया है कि योग भारत की देन है. इसके अलावा हम देख चुके हैं कि भारत मंडपम में दुनिया की सबसे ऊंची नटराज की प्रतिमा भी लगी है. नटराज की प्रतिमा लगाने का धार्मिक और ऐतिहासिक कारण है. दरअसल नटराज का ये स्वरूप शिव के आनंद तांडव का प्रतीक है. शिव नटराज की प्रतिमा को अगर ध्यान से देखें तो आपको भगवान शिव की नृत्य मुद्रा साफतौर पर नजर आएगी, साथ ही वो एक पांव से दानव को दबाए हैं. ऐसे में शिव का ये स्वरूप बुराई के नाश करने और नृत्य के जरिए सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने का संदेश देता है. साथ ही ये प्रतिमा ब्रह्मांडीय ऊर्जा, रचनात्मकता और शक्ति का महत्वपूर्ण प्रतीक है.
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